


योगिनी एकादशी हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को आती है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और विशेष रूप से पापों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ देने वाला माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा और व्रत से 88,000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य प्राप्त होता है।
योगिनी एकादशी 2025 इस वर्ष शनिवार, 21 जून 2025 को मनाई जाएगी।
योगिनी एकादशी 2025 कब है?
एकादशी तिथि की शुरुआत: 21 जून को सुबह 07:18 बजे से
एकादशी तिथि का समापन: 22 जून को सुबह 04:27 बजे तक है
व्रत पारण (उपवास तोड़ने का शुभ मुहूर्त):
22 जून 2025 को दोपहर 01:47 बजे से 04:35 बजे तक रहेगा
योगिनी एकादशी पर न करें ये 10 प्रमुख गलतियाँ
1. अन्न या अनाज का सेवन न करें
इस दिन अन्न, विशेषकर चावल का सेवन वर्जित माना गया है। फलाहार करें, या यदि व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो सात्त्विक भोजन लें।
2. झूठ बोलना और क्रोध करना वर्जित है
एकादशी के दिन मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहना चाहिए। झूठ बोलना, लड़ाई-झगड़ा करना या कठोर शब्दों का प्रयोग पाप बढ़ाता है।
3. पूजा में लहसुन-प्याज और तामसिक चीजों का प्रयोग न करें
यह दिन सात्त्विकता का प्रतीक होता है। इसलिए किसी भी प्रकार का मांस, मदिरा, लहसुन-प्याज आदि से दूर रहें।
4. सोना नहीं चाहिए
रात्रि जागरण कर भगवान विष्णु का स्मरण करना श्रेष्ठ माना गया है। व्रतधारी को रात्रि में सोने से बचना चाहिए।
5. तुलसी पत्र भूलकर भी न तोड़ें
एकादशी के दिन तुलसी दल तोड़ना निषेध है। यदि पूजा में तुलसी की आवश्यकता हो तो पहले ही दिन तोड़कर रख लें।
6. व्रत का अपमान या मजाक न करें
व्रत को मज़ाक या हल्के में लेना भी पाप माना जाता है। इसका पालन श्रद्धा और आस्था से करें।
7. देर से उठना या स्नान न करना
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर पवित्र होकर पूजा करनी चाहिए।
8. दूसरों की निंदा या बुराई न करें
किसी के प्रति द्वेष भावना, आलोचना या बुराई करने से व्रत का फल नष्ट हो जाता है।
9. पूजा करते समय मोबाइल या टीवी पर ध्यान न दें
पूजा में पूरा मन लगाना चाहिए। बीच में किसी डिजिटल माध्यम का उपयोग पूजा का अपमान माना जाता है।
10. दान-पुण्य न करना
इस दिन गरीबों को अन्न, वस्त्र या धन दान करना बहुत शुभ होता है। इसे छोड़ना पुण्य से वंचित कर सकता है।